Kalam Kalam
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Punjabi Dharti
5 months ago

मेरी क्या गलती थी ?

हाय दोस्तों, मेरा नाम मोनू है। मैं अपने घर में अकेली लड़की हूँ, इसलिए बचपन से सबकी लाड़ली रही हूँ। मैं हिमाचल प्रदेश के एक छोटे से गाँव से हूँ। पढ़ाई में शुरू से अच्छी थी, इसलिए +1 में साइंस पढ़ना चाहती थी। मैंने पापा से ज़िद की और उन्होंने मेरा एडमिशन गाँव से काफी दूर एक शहर के स्कूल में करवा दिया, क्योंकि गाँव में साइंस पढ़ाने वाला कोई स्कूल नहीं था। एडमिशन के बाद लगभग 1 साल मैं अकेली ही रही, लेकिन नई जगह होते हुए भी मैंने बहुत जल्दी दोस्त बना लिए क्योंकि मेरा स्वभाव बहुत मिलनसार था। उस समय मैं प्यार में विश्वास नहीं करती थी, बस पढ़ाई करना चाहती थी। इसी तरह एक साल गुजर गया। मेरा 11वीं का रिजल्ट भी बहुत अच्छा रहा और अब मैं 12वीं में पहुँच गई। इस दौरान मेरा छोटा भाई भी मेरे साथ रहने आ गया, जो 8वीं कक्षा में पढ़ता था। 12वीं की शुरुआत से ही मेरा मन पढ़ाई में लग गया, लेकिन मुझे नहीं पता था कि इसके बाद मेरी जिंदगी पूरी तरह बदल जाएगी। मेरे पड़ोस में एक लड़का रहता था जिसका नाम आकाश था। देखने में ठीक-ठाक था और मेरा सीनियर भी था। उस समय हमारे बीच ज्यादा बात नहीं होती थी क्योंकि उसकी गर्लफ्रेंड थी। कभी-कभी हल्की-फुल्की बात हो जाती थी। फिर वो आगे की पढ़ाई के लिए दूसरे शहर चला गया और मैं भी उसे भूल गई। एक दिन अचानक आकाश की फ्रेंड रिक्वेस्ट मुझे फेसबुक पर आई। मैं उसे जानती थी, तो मैंने रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर ली। इसके बाद हमारी रोज़ बातें होने लगीं। बात करते-करते मुझे कब वो अच्छा लगने लगा, मुझे पता ही नहीं चला। एक दिन उसने मेरा नंबर मांगा, और मैंने बिना सोचे उसे नंबर दे दिया। उस दिन के बाद से हमारी बहुत सारी बातें होने लगीं। हम पूरी-पूरी रात बातें करते थे। मुझे आज भी याद है, उसने 20 नवंबर को मुझे प्रपोज़ किया था। मैं बहुत खुश थी और मैंने भी हाँ कह दिया। उस समय वो मेरे शहर आया हुआ था क्योंकि उसका परिवार अब भी यहीं रहता था। इसके बाद तो जैसे मैं सपनों में रहने लगी। स्कूल से घर आते ही उससे बातें शुरू हो जातीं और जब तक सोते नहीं, हम बात करते रहते थे। इसी तरह वक्त बीतता चला गया। मेरा 12वीं का बोर्ड भी हो गया और कॉलेज दूर होने के कारण हमने नया घर ले लिया। अब जब भी वो अपने मम्मी-पापा से मिलने आता, तो सबसे पहले मुझसे मिलने मेरे घर आता। हम बहुत खुश थे। वो मेरी बहुत केयर करता था और हमारे बीच बहुत प्यार था। मेरे घर पर इस बात का पता चला, लेकिन जैसा कि मैं सबकी लाड़ली थी और मेरे मम्मी-पापा बहुत खुले विचारों के थे, तो सबने हमारे रिश्ते को स्वीकार कर लिया। अब तो आकाश मेरे मम्मी-पापा से भी बातें करने लगा। मानो मेरी खुशियों का ठिकाना नहीं था, लेकिन ज्यादा खुशी भी हमेशा अच्छी नहीं होती। अभी उसके घर में कुछ नहीं पता था क्योंकि उसके परिवार वाले बहुत पुराने विचारों के थे, इसलिए वो उन्हें कुछ बता नहीं पाया। इसी तरह हँसते-खेलते 2 साल गुजर गए। हम अब बहुत करीब आ गए थे, इतने कि अगर कुछ देर बात न हो, तो ऐसा लगता था जैसे सालों बीत गए बिना बात किए। मेरे कॉलेज के 2 साल पूरे होने को आए। तब हमने सोचा कि अब उसके घरवालों को भी बता दिया जाए। उसके घर पर जब ये बात पता चली कि वो मुझसे, जो उससे छोटी जात की हूँ, प्यार करता है और शादी करना चाहता है, तो उसके घरवालों ने साफ इनकार कर दिया। न जाने उस दिन उसके घर पर क्या हुआ, लेकिन उसके बाद उसका बर्ताव बिल्कुल बदल गया। अब न वो कॉल करता, न मैसेज। मेरी कॉल करने पर वो बिजी होने का बहाना बना लेता। इधर मेरे 2nd ईयर के एग्जाम आ गए, लेकिन मेरा मन कहीं नहीं लगता था। बस उसके बारे में सोचती रहती। आखिरकार मैंने उससे पूछ ही लिया कि वो आजकल बात क्यों नहीं करता। कई बार पूछने पर उसने बताया कि हमारे बारे में पता चलने के बाद उसके घरवालों ने उसकी शादी कहीं और तय कर दी और अब वो वहीं शादी करना चाहता है, जहाँ उसके मम्मी-पापा चाहते हैं। और वो चला गया, मुझे इस सूनी जिंदगी में छोड़कर, जहाँ उसके बिना कुछ नहीं था। आज इस बात को 3 महीने हो गए हैं, लेकिन न उसकी कोई कॉल आई, न मैसेज। उसने अपना नंबर भी बदल दिया। जाते-जाते मैं उससे ये भी नहीं पूछ पाई कि क्या यही उसका प्यार था, जिसके लिए वो जीने-मरने की कसमें खाता था? काश पूछ पाई होती कि मेरी क्या गलती थी। काश... लेकिन इतना तय है कि अब कभी प्यार नहीं होगा और न ही प्यार पर यकीन। मेरी पहली और आखिरी मोहब्बत, आकाश।

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